हिन्दोस्तान के हाल चाल के बारे कुछ कहने और जानने कि इच्छाएँ हुई तो सोचा कि एक अपना ढाबा खोल लिया जाये और कुछ लोगों से अपनी बात कही जाय।
कुछ दिनों पहले इप्टा के डायमंड जुबली के जलसे मैं नंदिता दास आई थी। जलसे मैं एक वक्ता ने कहा कि नंदिता की खूबसूरती ऐश्वर्या कि बनावटी चमचमाती खूबसूरती के लिए चैलेंज है। ऐसा सुन नंदिता मुस्कुराई और दर्शकों की भीड़ मैं एक ऐश्वर्या को ढूँढने लगी पर वहाँ कोई ऐश्वर्या नही थी बल्कि हज़ारों शबाना, स्मिता और नंदिता दास दिख रहीं थी।
सवाल यह नही कि हम क्या देख रहें है या क्या दिखाया जा रह है सवाल यह है हम क्या देखना चाहतें है!
क्या हम यह नही देख रहीं है कि हिन्दोस्तान के इतिहास मैं पहली बार कोई राजनीतिक इच्छा शक्ति जनता के लिए सरकार को घुटनें टेकने को मजबूर कर रही है क्या यह ब्लैक मेलिंग किसी वोट बैंक के लिए है या अपने आदर्शों और सिद्धान्तों, सामाजिक लड़ाई। भारत का नागरिक होने के नाते हम संघर्ष करें और अपनी आवाज़ दें।
टिप्पणियाँ