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कन्नन गोपीनाथन और न्यू इंडिया

कन्नन गोपीनाथन ने आईएएस की नौकरी क्यों छोड़ी:

कश्मीर के सभी प्रमुख लीडरों को गिरफ्तार किया गया। उन्हें अपनी मर्जी से कहीं भी आने-जाने से रोका गया। वहां की जनता का हर तरह का कम्युनिकेशन बंद कर दिया गया। इतनी बड़ी बात हुई हो और पूरा देश चुप बैठा देख रहा हो।
सरकार को जो करना है, वह तो करेगी। वे तो कह ही रहे थे कि उन्हें यकीन है कि हम कश्मीर में ये करेंगे और भारत में कहीं भी इसके विरोध में कुछ नहीं होगा। लेकिन देश के बाकी लोग क्यों खामोश हो गए? हमलोग चुप क्यों रहे? आप कह रहे हैं कि बच्चे के इलाज के लिए इंजेक्शन देना पड़ता है। ठीक है। लेकिन इंजेक्शन की वजह से आप बच्चे के रोने का हक तो नहीं छीन लेंगे? आपने तो रोने का यह मौका भी नहीं दिया।
यह सब हो रहा है, मगर हम सब ऐसा दिखा रहे हैं कि हमें इन सबसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। लेकिन जब हमारे साथ कोई ऐसा करेगा तो हमारे साथ भी कोई खड़ा नहीं होगा।
तब मुझे लगा कि अब चुप रहना ठीक नहीं है। मुझे लगा कि आने वाली पीढ़ी जब पूछेगी कि उस वक्त मैं क्या कर रहा था, मैं खामोश क्यों रहा, तो मैं क्या जवाब दूंगा? मैंने इसलिए नौकरी छोड़ने का फैसला किया।
वरीय पत्रकार नासिरुद्दीन की क़लम से साभार

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