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नाकूबी साहेब का कहना

हे देवियों हे माताओं, अब तुम भी साधवी प्रज्ञा की तरह भगवा वस्त्र धारण कर लो यदि तुम अपने आप को अलगाववादी नही कहाल्वानी चाहती हो। महँ राष्ट्रवादी पार्टी के महँ रहनुमा श्री श्री १०८ जनाब मुख्तार अब्बास नाकुँबी साहब ने फ़रमाया है की जो औरतें पाउडर और लिपिस्टिक लगा कर आतंकवादियों के खिलाफ और देश की रक्षा के नाम पर अरबो की चांदी काटने काटने वाले पोलितिसिंस के विरुद्ध नारे लगा रही थीं वे देश की अलगाववादी ताकुँतो से मिली है और देश का बुरा चाहती है। आब तुम्हे भी अब्बास नाकूबी साहब से देशभक्ति का प्रमाण लेना होगा और इसके लिए डेल्ही के भाजपा कार्यालय मेल लाइन लगनी होगी। तो चलो आज से भगवा वस्त्रों को खरीद कर अचकन सिल्वा लो और देश भक्त बन जयो। चाहे तुम्हारे सर पर सकारों के खून का दाग ही क्यों न हो। पर मुझे लगता है की राजस्थान में कमल खिलने वाली रानी का क्या होगा। कैसी दिखेंगी रानी इन भगवा कपारो में। तो आओ राजस्थान चलते हैं और मुख्तार अब्बास साहब के फरमान का खूसूरत इम्प्लेमेंटेशन देखते हैं। मुख्तार साहेब यदि आपकी नज़र इस ब्लॉग पर पड़े तो प्लेस यह सलाह सुषमा जी से शुरू का कृपया राजस्थान होते हुए अपने

खतरे की घंटी, सावधान!

खतरे की घंटी है, सावधान!

मुंबई में पिछले दो दिनों से जो कुछ हो रहा है, चलाया जा रहा है एक खतरे की घंटी है। याद कैन लोक सभा चुनाव सर पर है और सारी राजनितिक पार्टियां पूरी तैयारी मनी है कि किस प्रकार दिल्ली का किला फतह हो। याद करे कारगिल कि घटना को जब राष्ट्रवाद का उबाल आया था या लाया गया था, वही सब कुछ बनने की khichadi दिल्ली के किचन दरबार में पक रही है अंत केवल वअहि है कि कैसे ज़्यादा से ज़्यादा सीटों पर हमारा कब्ज़ा हो और बहुमत का जादुई आंकडा प्राप्त कर ले। सो रेस जारी है और हम आप सभी तैयार है। सूचना किसे है यह ना कोई बताने वाला है ना कोई सोचने वाला। क्या कोई सांस्कृतिक इच्छाशक्ति भी नही है जो रचनात makta se is waqut hastakshap kare। सवाल यह है कि इप्टा जैसे संगठन कहाँ है जो जन संस्कृति कि प्रmpara कोduhai detain hai.